समाज का भी चिंता करना जरूरी है
समाज का भी चिंता करना जरूरी है
निःशक्त गरीब और असहाय को
अशकुनि कहना नही चाहिए
देखकर इनको राह में हमें
राह अपनी बदलना नही चाहिए।
करना मदद उन लोगों की
जो बेघर है इस दुनिया में
मानवता से तू प्यार कर लें सज्जनों
समाज का भी चिंता करना जरूरी है।
बहुजन सेवा है एक कला
शिक्षा है स्वयं प्रकाश
मानव हित में चिंतन करें तो
हर घर में होगा शिक्षा का केंद्र।
जात पात के झगड़ो से
धर्म कर्म के दंगो से और
भौतिक माया से दूर रहें तो
घर घर में सीता राम है
समाज का भी चिंता करना जरूरी है।
आने वाली पीढ़ी के लिए
हम क्या छोड़कर जायेंगे
जब वे ढूंढेंगे विरासत अपनी
तो समाज में विसंगति पायेंगे।
मेरी बातों पर गौर कर लीजिए
कुछ लोगों का है यही कहना
देख कष्ट समुदाय का
राह अपनी बदलना नही है।
उन लोगों के लिए भी प्रार्थना करना है
जो है यतीम इस दुनिया में
समाज का भी चिंता करना जरूरी है।
नूतन लाल साहू